प्रदेश की बिजली आपूर्ति दुरुस्त रखने के लिए ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूत करने की कवायद तेज
अगले साल गर्मी में प्रदेश की बिजली आपूर्ति दुरुस्त रखने के लिए ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूत करने की कवायद तेज हो गई है।
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में बुधवार को एनर्जी टास्क फोर्स (ईटीएफ) की बैठक में 1221.45 करोड़ रुपये की लागत से उपकेंद्रों व लाइनों के निर्माण के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई।
अब इसे अनुमोदन के लिए कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। ट्रांसमिशन नेटवर्क से संबंधित कार्यों के पूरा होने के बाद संबंधित क्षेत्रों में बिजली की ओवरलोडिंग व लो वोल्टेज की समस्या दूर होगी।
ईटीएफ ने ट्रांसमिशन से जुड़े जिन कार्यों को मंजूरी दी है उनमें लखनऊ के मोहनलालगंज में 400, 220 व132 केवी जीआईएस उपकेंद्र व उससे संबंधित 400 केवी लाइनों के अलावा 765 केवी घाटमपुर-हापुड़ लाइन तथा रामपुर, बरेली, मुरादाबाद में इससे संबंधित अन्य निर्माण, 76.57 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 400 केवी अटौर-इंदिरापुरम लाइन व उपकेंद्रों के निर्माण के प्रस्ताव पर अपनी संस्तुति दे दी।
ये सभी निर्माण कार्य भारत सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार पीपीपी मोड पर दर आधारित प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग पद्धति पर कराए जाएंगे।
इसके अलावा ईटीएफ ने लखनऊ के मोहनलालगंज, पडरौना (कुशीनगर), आनंदनगर (महाराजगंज) में 220 व 132 केवी ट्रांसमिशन उपकेंद्र व उससे संबंधित लाइनों के निर्माण कार्य संबंधी प्रस्तावों को भी मंजूरी दे दी है।
यह निर्माण कार्य ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट व कंस्ट्रक्शन) मोड पर कराए जाएंगे। बैठक में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त एस.राधा चौहान, अपर मुख्य सचिव नियोजन कु मार कमलेश, अपर मुख्य सचिव सिंचाई टी. वेंकटेश, प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण सुधीर गर्ग, सचिव सिंचाई अनिल गर्ग, सचिव ऊर्जा एम.देवराज सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।