Drugs seized at Adani’s port: एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज
Drugs seized at Adani’s port: गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से जब्त 2,988 किलो हेरोइन के सिलसिले में शनिवार को एनआईए ने कई राज्यों में छापेमारी की। हाल ही में यह केस गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एजेंसी को सौंप दिया गया था। इस मामले में ईडी भी जांच कर रही है। एनआईए ने इस मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। भारत में यह सबसे बड़ी ड्रग्स बरामदगी है। इस मामले की अभी तक जांच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और DRI कर रही थी।
13 सितंबर को केंद्र सरकार के अमले ने मुंद्रा बंदरगाह पर टेल्कम पाउडर के नाम से आयातित की गई 2,988 किलो हेरोइन पकड़ी थी। इसकी बाजार कीमत 21 हजार करोड़ रुपये है।
मुंद्रा पोर्ट का संचालन अडाणी समूह करता है। एजेंसी ने बुधवार को जारी गृह मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार मचावरम सुधाकरन, दुर्गा पीवी गोविंदराजू, राजकुमार पी और अन्य के खिलाफ आईपीसी, एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामले की जांच शुरू कर दी थी। एजेंसी अब इस मामले के पीछे रहे लोगों की तलाश कर रही है। माना जा रहा है कि इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क शामिल है।
#NIA द्वारा गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर 2,998 किलोग्राम ड्रग्स ज़ब्ती के मामले में चेन्नई, कोयंबटूर और विजयवाड़ा में कई स्थानों पर आरोपियों और संदिग्धों के आवासों की तलाशी ली गई. pic.twitter.com/8Glyc3Wsmu
— News & Features Network (@mzn_news) October 9, 2021
एनआईए अधिकारियों का कहना है कि इसमें विदेशी नागरिकों की संलिप्तता दिख रही है। एजेंसी का कहना है कि इतनी बड़ी खेप के पीछे बहुत सारे दिमाग काम कर रहे थे। ये लोग सारे देश में फैले हुए हैं। इसे अफगानिस्तान से भेजा गया था। यह बांदर अब्बास पोर्ट के जरिये भारत पहुंची थी।
उन्होंने बताया कि टैल्क स्टोन के नाम पर मादक पदार्थ आयात करने के आरोपियों के चेन्नई, कोयंबटूर और विजयवाड़ा स्थित परिसरों की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान अपराध में संलिप्तता के संकेत करने वाले दस्तावेज और अन्य वस्तुएं जब्त की गई। जांच अभी जारी है। एजेंसी का दावा है कि आने वाले दिनों में गुजरात, दिल्ली समेत कई और सूबों में कुछ लोगों के लॉकर खंगाले जा सकते हैं।
अडानी समूह ने अपने बयान में कहा था कि हेरोइन के कंटेनर मुंद्रा बंदरगाह पर डीपी वर्ल्ड टर्मिनल पर पहुंचे थे। हम अवैध ड्रग्स को जब्त करने और आरोपियों को पकड़ने के लिए डीआरआई और सीमा शुल्क विभाग की टीमों को धन्यवाद देते हैं लेकिन कानून भारत सरकार के सीमा शुल्क और डीआरआई के सक्षम अधिकारियों को गैरकानूनी कार्गो को खोलने, जांच करने और जब्त करने का अधिकार देता है।