वैश्विक

गुजरात के केवडिया में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को जोड़ने वाली आठ ट्रेनों को हरी झंडी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज को गुजरात के केवडिया में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को जोड़ने वाली आठ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।

इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे। ये ट्रेनें केवड़िया (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) से वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई और प्रतापनगर को जोड़ेंगी।

देशवासियों को संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि केवड़िया की पहचान एक भारत-श्रेष्ठ भारत का मंत्र देने वाले सरदार पटेल से होती है। उन्होंने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने वालों की संख्या स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से ज्यादा है। इन ट्रेनों के जरिए केवड़िया के आदिवासी भाई-बहनों को रोजगार मिलेगा।

आजादी के बाद हमारी ज्यादातर ऊर्जा पहले की रेल व्यवस्था को सुधारने में लगी रही। उस दौरान नई सोच और नई तकनीक पर फोकस कम रहा। ये अप्रोच बदली जानी बहुत जरूरी थी

इसलिए बीते सालों में देश में रेलवे के पूरे तंत्र में व्यापक बदलाव करने के लिए काम किया गया। ये काम सिर्फ बजट बढ़ाना, घटाना, नई ट्रेनों की घोषणा करने तक सीमित नहीं रहा। ये परिवर्तन अनेक मोर्चों पर एक साथ हुआ है।

 

 

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए अब स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज्यादा पर्यटक पहुंचने लगे हैं। अपने लोकार्पण के बाद क़रीब 50 लाख लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने आ चुके हैं।

अब जैसे केवडिया को रेल से कनेक्ट करने वाले इस प्रोजेक्ट का ही उदाहरण देखें तो इसके निर्माण में मौसम और कोरोना महामारी जैसी अनेक बाधाएं आई। लेकिन रिकॉर्ड समय में इसका काम पूरा किया गया।

पर्यटकों को घुमाने के लिए एकता क्रूज है, तो दूसरी तरफ नौजवानों को साहस दिखाने के लिए राफ्टिंग का भी इंतेजाम है। यानी बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी के लिए बहुत कुछ है।

एक तरफ आयुर्वेद और योग पर आधारित आरोग्य वन है, तो दूसरी तरफ पोषण पार्क है। रात में जगमगाता ग्लो गार्डन है, तो दिन में देखने के लिए कैक्टस गार्डन और बटरफ्लाई गार्डन है।

बढ़ते हुए पर्यटन के कारण केवड़िया के आदिवासी युवाओं को रोजगार मिल रहा है। यहां के लोगों के जीवन में तेजी से आधुनिक सुविधाएं पहुंच रही हैं।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए अब स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज्यादा पर्यटक पहुंचने लगे हैं। अपने लोकार्पण के बाद करीब-करीब 50 लाख लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने आ चुके हैं।

आज केवड़िया गुजरात के सुदूर इलाके में बसा एक छोटा सा ब्लॉक नहीं रह गया है, बल्कि केवड़िया विश्व के सबसे बड़े पर्यटक क्षेत्र के रूप में आज उभर रहा है।

इस रेल कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा लाभ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने आने वाले पर्यटकों को तो मिलेगा ही, साथ ही ये केवडिया के आदिवासी भाई बहनों का जीवन भी बदलने जा रही है।

आज केवड़िया के लिए निकल रही ट्रेनों में एक ट्रेन पुरैच्ची तलैवर डॉ. एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन से भी आ रही है। ये भी सुखद संयोग है कि आज भारत रत्न एमजी रामचंद्रन की जयंती भी है।

आज का ये आयोजन सही मायने में भारत को एक करती, भारतीय रेल के विजन और सरदार वल्लभ भाई पटेल के मिशन दोनों को परिभाषित कर रहा है।

केवड़िया जगह भी ऐसी है जिसकी पहचान एक भारत-श्रेष्ठ भारत का मंत्र देने वाले, देश का एकीकरण करने वाले सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सरदार सरोवर बांध से है।

इन ट्रेनों को प्रधानमंत्री ने दिखाई हरी झंडी-

  • 09103/04 केवडिया-वाराणसी महामना एक्सप्रेस (साप्ताहिक)
  • 2927/28 दादर-केवडिया एक्सप्रेस (दैनिक)
  • 09247/48 अहमदाबाद-केवडिया जनशताब्दी एक्सप्रेस (दैनिक)
  • 09145/46 निजामुद्दीन-केवडिया संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (द्वि-साप्ताहिक)
  • 09105/06 केवडिया-रीवा एक्सप्रेस (साप्ताहिक)
  • 09119/20 चेन्नई-केवडिया एक्सप्रेस (साप्ताहिक)
  • 09107/08 प्रतापनगर-केवडिया मेमू ट्रेन (दैनिक)
  • 09109/10 केवडिया-प्रतापनगर मेमू ट्रेन (दैनिक)

 

 

News Desk

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