Pakistan-occupied Kashmir में छात्राओं और शिक्षिकाओं के लिए Hijab अनिवार्य
Pakistan-occupied Kashmir में को-एजुकेशनल संस्थानों में छात्राओं और शिक्षिकाओं के लिए Hijab अनिवार्य कर दिया गया है. स्थानीय मीडिया इसकी आलोचना कर रही है. स्थानीय प्रशासन की ओर से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, को-एजुकेशनल संस्थानों में छात्राओं और शिक्षकों के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य होगा.
अधिसूचना में कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने पर संस्था के प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इस आदेश का अब विरोध दिखने लगा है.
Pakistan-occupied Kashmir पत्रकारों ने इस कदम की आलोचना की है. वरिष्ठ पत्रकार मारियाना बाबर ने ट्विटर पर निर्णय की आलोचना की और इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को यह चुनने की आजादी दी जानी चाहिए कि वे क्या पहनें. नयादौर मीडिया के कार्यकारी संपादक मुर्तजा सोलंगी ने कहा, “पहले अफगान तालिबान ने ‘गुलामी की बेड़ियों’ को तोड़ दिया
अब उनके ग्रेट डिप्टी” ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में “गुलामी की बेड़ियों को तोड़ दिया है.” उन्होंने कहा, “द टूथलेस डेंटिस्ट (पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी) जो फासीवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए कि उनकी सरकार पीओके में तालिबान शासन कैसे लागू कर रही है.”
Pakistan-occupied Kashmir में स्थानीय प्रकाशन सियासत ने हाल ही में खबर दी थी कि मुजफ्फराबाद सहित पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के विभिन्न हिस्सों में क्रशिंग मशीनों का इस्तेमाल और विकास कार्य रोक दिए गए हैं और कई परिवार भुखमरी का सामना कर रहे हैं.
सियासत के अनुसार, पर्यावरण और खनिज संसाधन विभागों ने विकास और पत्थर तोड़ने के काम पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे हजारों लोगों की नौकरी चली गई है, जिसके परिणामस्वरूप पीओके में उनके परिवारों के लिए संकट पैदा हो गया है.