5जी और एआई समेत कई क्षेत्रों में सहयोग करेंगे भारत-जापान, कनेक्टिविटी पिलर में जापान शीर्ष भागीदार बनने पर सहमत
भारत और जापान ने बुधवार को एक महात्वाकांक्षी समझौते को अंतिम रूप दिया। इस समझौते के तहत दोनों देश 5जी टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और कुछ अन्य गंभीर क्षेत्रों पर सहयोग करेंगे। दोनों रणनीतिक साझेदारों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित अपने संबंधों को और व्यापक बनाने की बात कही।
बता दें कि भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और उनके जापानी समकक्ष तोशिमित्सू मोतेगी ने बुधवार को टोक्यो में बैठक की थी। इस बैठक के बाद एलान किया गया कि हिंद-प्रशांत महासागर की पहल (आईपीओआई) के लिए कनेक्टिविटी पिलर में जापान शीर्ष भागीदार बनने पर सहमत हुआ है।
Just concluded India-Japan Strategic Dialogue with FM @moteging. Conveyed warm birthday greetings. Discussions covered our cooperation in manufacturing, skills, infrastructure, ICT and health. Our special partnership can make a big difference in post-COVID recovery. pic.twitter.com/lm1tjhOzPG
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 7, 2020
आईपीओआई एक भारत समर्थित फ्रेमवर्क है जिसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक सुरक्षित और समृद्ध समुद्री क्षेत्र बनाने के लिए सार्थक प्रयास करना है। बता दें कि हिंद-प्रशात समुद्री क्षेत्र में चीन की हरकतों से वैश्विक स्तर पर चिंताएं बढ़ी हैं। चीन यहां अपनी सैन्य शक्तियों का विस्तार कर रहा है।
इस बैठक को लेकर डॉ. जयशंकर ने ट्वीट पर जानकारी दी। उन्होने एक ट्वीट में कहा, भारत और जापान के विदेश मंत्रियों की 13वीं रणनीतिक वार्ता में विकास परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ तीसरे विश्व के देशों (थर्ल्ड वर्ल्ड कंट्री) में दोनों देशों के सहयोग में और विस्तार लाने पर चर्चा की गई।
Delighted to join my QUAD colleagues at our Ministerial consultations in Tokyo. Thank FM @moteging for his gracious hospitality.https://t.co/hFSZRPu7Rf pic.twitter.com/1gfxiHdHXs
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 6, 2020
उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका को देखते हुए दोनों ने मजबूत डिजिटल और साइबर सिस्टम की आवश्यकता बताई और साइबर सुरक्षा समझौते को अंतिम रूप देने का स्वागत किया। दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुधार से संबंधित वैश्विक स्थिति और विकास की समीक्षा भी की।
इस समझौते में अनुसंधान, विकास, सुरक्षा, क्रिटिकल इनफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, 5जी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्रों में सहयोग शामिल है। यह वार्ता ‘क्वाड’ के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के एक दिन बाद हुई है। ‘क्वाड’ चार देशों का समूह है जिसमें अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि कई देशों ने अपने यहां चीनी टेलीकम्युनिकेशंस कंपनी हुवावे द्वारा 5जी सेवाएं शुरू करने के प्रति अनिच्छा प्रकट की है। ऐसे में भारत और जापान के बीच 5 जी प्रौद्योगिकी पर यह सहयोग काफी मायने रखता है। अमेरिका सुरक्षा कारणों को लेकर पहले ही इस चीनी कंपनी को प्रतिबंधित कर चुका है।