शादी अनुदान के लिए लाभार्थियों की तलाश कर रहा Muzaffarnagar पिछडा वर्ग कल्याण विभाग
मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar )। पिछडी जाति शादी अनुदान योजना के लिए पिछडा वर्ग कल्याण विभाग को लाभार्थी नहीं मिल रहे है। इस योजना के लिए अभी तक मात्र 140 लोगों ने ऑन लाइन आवेदन किया है। इस योजना के अंतर्गत आवेदनकर्ता को करीब 20 हजार रुपए की धनराशि कन्यादान के रूप में मिलेगी। इस योजना की प्रक्रिया में शासन स्तर से कुछ बदलाव भी किया गया है। जिसके संबंध में विभाग को दिशा निर्देश जारी किए गए है।
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी शक्ति सरन श्रीवास्तव ने बताया कि पिछड़ी जाति शादी अनुदान योजना (अल्पसंख्यक पिछड़े वर्ग को छोड़कर) के अन्तर्गत शासन द्वारा वर्ष 2023-24 से नवीन दिशा निर्देश जारी किये गये है। उन्होंने बताया कि अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीबी रेखा (शहरी क्षेत्र मे आय 56,460 रुपए व ग्रामीण क्षेत्र हेतु 46,080 रुपए प्रतिवर्ष) से नीचे जीवन यापन करने वाले अन्य पिछडा वर्ग के आवेदक पात्र होगे। आवेदन करने से पूर्व आवेदक अपना एवं पुत्री का आधार कार्ड (अपडेटड), आधार कार्ड से लिंक मोबाईल नम्बर, आधार से लिंक बैंक खाता (डीबीटी) तहसील द्वारा ऑनलाइन जारी आय एवं जाति प्रमाण पत्र, वर-वधू की आयु से सम्बन्धित फोटोयुक्त प्रमाण पत्र, शादी का कार्ड आदि एकत्रित कर जमा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम आवेदक नवीन अपडेट पोर्टल वेबसाईट पर आधार आधारित प्रमाणीकरण की व्यवस्था (ई-केवाईसी) के अनुसार अपना एवं अपनी पुत्री का आधार दर्ज करेगा। आधार लिंक मोबाईल पर प्राप्त ओटीपी का उपयोग कर ई-केवाईसी की प्रक्रिया को पूर्ण करेगा। जिसके माध्यम से यूआईडीएआई (भारतीय विशष्ठि पहचान पत्र ) से आवेदक तथा उसकी पुत्री का नाम, पिता का नाम, पता, आयु तथा फोटो आवेदन मे स्वयं अंकित हो जायेगी। आवेदक द्वारा अंतिम रूप से पोर्टल पर आवेदन सबमिट करने के उपरान्त तहसील तथा विकास खण्ड स्तर पर उपजिलाधिकारी तथा खण्ड विकास अधिकारी के लॉगिन पर आवेदक का पूर्ण विवरण प्रदर्शित हो जायेगा। एक परिवार को दो पुत्रियों की शादी हेतु अनुदान अनुमन्य होगा
Muzaffarnagar पिछडी जाति शादी अनुदान योजना के लिए एक परिवार को अधिकतम 02 पुत्रियों की शादी हेतु अनुदान अनुमन्य होगा। विवाह हेतु किये गये आवेदन में पुत्री की आयु शादी की तिथि को 18 वर्ष या उससे अधिक और वर की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी अनिवार्य है। शादी अनुदान हेतु प्रथम आवत प्रथम पावत सिद्धान्त के अनुरूप बजट की सीमा तक प्राप्त आवेदन पत्रों पर नियमानुसार निर्धारित अनुदान राशि का भुगतान किया जायेंगा। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के उपरान्त विगत वित्तीय वर्ष की कोई मांग अगले वित्तीय वर्ष में अग्रेणीत नही होगी।