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Bhutan के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे की भारत यात्रा-दोनों देशों के बीच समग्र संबंधों की व्यापक समीक्षा

भारत और Bhutan के बीच दोस्ती और सहयोग के स्थायी संबंधों को मजबूत करने के लिए एक नया मोर्चा खुल चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भूटानी समकक्ष शेरिंग टोबगे के साथ भारत और भूटान के बीच ‘अद्वितीय और विशेष साझेदारी’ के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘सार्थक’ बातचीत की। इस बातचीत में दोनों देशों के बीच समग्र संबंधों की व्यापक समीक्षा की गई और भारत और भूटान के बीच दोस्ती और सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की गई।

भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे की भारत यात्रा उस समय हो रही है जब चीन और भूटान अपने सीमा विवाद के शीघ्र समाधान पर विचार कर रहे हैं। इस परिस्थिति में, भारत और भूटान के बीच अधिक समझौते और समर्थन की जरूरत है। भारत को भूटान के सुरक्षा हितों का समर्थन करते हुए इस संदर्भ में एक अहम भूमिका निभाना होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने टोबगे के साथ बातचीत के बाद कहा कि वह अगले सप्ताह भूटान आने का निमंत्रण के लिए तैयार हैं। यह स्थिति दोनों देशों के बीच गहरी और लम्बी साझेदारी के संकेत के रूप में देखी जा सकती है।

Glad to meet my friend and PM of Bhutan @tsheringtobgay on his first overseas visit in this term. Had productive discussions encompassing various aspects of our unique and special partnership. I convey heartfelt thanks to His Majesty the King of Bhutan and @PMBhutan for inviting… pic.twitter.com/Ab7wXH2TVt

— Narendra Modi (@narendramodi) March 14, 2024

 

Bhutan और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर  एक बयान में कहा गया था कि भूटान दृढ़ता से एक-चीन सिद्धांत का पालन करता है और सीमा मुद्दे के शीघ्र समाधान के लिए चीन के साथ काम करने और राजनयिक संबंध स्थापित करने की राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। इस परिस्थिति में, भारत को भूटान के साथ और अधिक मजबूत साझेदारी की जरूरत है।

इस समय, भारत और भूटान के बीच एक नया संबंध और सहयोग का दौर आया है जिसमें दोनों देश एक-दूसरे के साथ गहरी और भविष्य वाणी संबंध बना रहे हैं। इससे भारत और भूटान के बीच साझेदारी और विशेष संबंध और भी मजबूत होंगे।

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टोबगे की भारत यात्रा उस समय हो रही है जब चीन और भूटान अपने सीमा विवाद के समाधान के बारे में चर्चा कर रहे हैं, जिससे भारत के सुरक्षा हितों पर प्रभाव पड़ सकता है। यह चीन की भूटान के साथ सीमा पर स्थिति और भारत के बीच भी नजरअंदाज करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री मोदी ने टोबगे के साथ बातचीत के बाद उन्हें भूटान आने के लिए निमंत्रण देने का भी इशारा किया। यह इस भारतीय प्रयास का हिस्सा है जो भूटान के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए किए जा रहे हैं।

भूटान ने विशेष रूप से भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसमें भारत के साथ एक व्यापक संबंध और एकमात्र स्थायी सदस्य बनने की तरफ उनका प्रयास शामिल है। भूटान ने भी अपने ऋण मुक्ति के लिए भारत के साथ समझौते किए हैं, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके।

इस संदर्भ में, चीन की भूटान के साथ सीमा पर स्थिति के बारे में चर्चा के दौरान, भारत को चीन के साथ भूटान के सुरक्षा हितों को साझा करने के लिए भी सतर्क रहना चाहिए। भारत के लिए यह सीमा सुरक्षा के मामले में महत्वपूर्ण है क्योंकि भूटान उसके लिए एक महत्वपूर्ण संरक्षण क्षेत्र है। इसलिए, भारत को चीन के साथ भूटान के सीमा विवाद के समाधान पर ध्यान देना चाहिए ताकि दोनों देशों के बीच सैन्य विवाद से बचा जा सके।

News Desk

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