जम्मू-कश्मीर के गांव में बादल फटने से कम से कम 5 की मौत, 35 लोग लापता
भारत में मानसूनी के बीच कई राज्यों में मौसम का कहर जारी है। खासकर पहाड़ी इलाकों में तो बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से बड़ी संख्या में लोगों की जानें भी गई हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बुधवार को बादल फटने से पांच लोगों की मौत हो गई। मृतकों में दो महिलाएं भी शामिल थीं। इसके अलावा 35 लोग लापता हैं।
सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ के महानिदेशक वीके सिंह ने कहा कि राहत-बचाव कार्य के लिए एक टीम किश्तवाड़ के गांव पहुंच चुकी है। इसके अलावा डोडा और उधमपुर से भी दो टीमें जल्द ही प्रभावित गांव पहुंचेंगी। इसके अलावा श्रीनगर में मौजूद दो और टीमें रेस्क्यू मिशन के लिए मौसम साफ होने का इंतजार कर रही हैं, ताकि उन्हें एयरलिफ्ट कर घटनास्थल पर पहुंचाया जा सके। बताया गया है कि बादल फटने से छह घरों और एक राशन की दुकान को भी नुकसान पहुंचा है।
दिल्ली में इस साल मानसून समय से तकरीबन दो-तीन हफ्ते की देरी से पहुंचा। हालांकि, इसके बावजूद राजधानी और उत्तर-पूर्व के राज्यों में जमकर बारिश हो रही है। अकेले राजधानी दिल्ली में ही इस जुलाई में बारिश का नया रिकॉर्ड बना है। दिल्ली में अब तक 381 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो 2003 के बाद से जुलाई के लिए सबसे अधिक है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, सफदरजंग वेधशाला ने मंगलवार सुबह केवल तीन घंटों में 100 मिमी बारिश दर्ज की। यह भी आठ साल में जुलाई महीने में 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश है। वर्ष 2013 में, दिल्ली में 21 जुलाई को 123.4 मिमी बारिश हुई थी।
जहां दिल्ली में एक साथ काफी वर्षा से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया, वहीं राजस्थान में मानसून आए लगभग एक पखवाड़ा हो चुका है, लेकिन अब तक आधे से भी अधिक राजस्थान में बारिश सामान्य से कम हुई है। हालांकि मानसून अभी सक्रिय है और आगामी चौबीस घंटे में राज्य के अनेक हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल अब तक मानसून में बारिश सामान्य से 26 प्रतिशत कम हुई है।
राज्य के कुल 33 में 19 जिले में अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार एक जून से 26 जुलाई के बीच सिर्फ 11 जिलों में सामान्य बारिश हुई है। इस अवधि के दौरान पूरे राज्य में समग्र रूप से 160.98 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो कि सामान्य वर्षा 218.28 मिमी से 26.2 प्रतिशत कम है।