संपादकीय विशेष

प्रयास: सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाए जाने के निर्देश

मुजफ्फरनगर। कुपोषण को समाप्त करने के लिए सरकार पूरे प्रयास कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

इस वर्ष पोषण माह दो मुख्य उद्देश्यों पर केंद्रित है। पहला अति कुपोषित बच्चों को चिह्नित करके उनकी मॉनिटरिंग करना, दूसरा किचन गार्डन को बढ़ावा देने के लिए सब्जी व फल के पौधे लगाना।

सभी गतिविधियां कोविड-१९ के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रख कर अमल में लायी जाएंगी।

जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने बताया हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाएगा, लेकिन इस बार कोविड-१९ के कारण इसका स्वरूप थोड़ा बदल दिया गया है। इसे डिजिटल तरीके से मनाया जाएगा। तकनीक का प्रयोग करते हुए गतिविधियों को संचालित किया जाएगा।

जनपद स्तर पर अधिक से अधिक वर्चुअल बैठकों का आयोजन किया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया पूर्व राष्ट्रपति प्रवण मुखर्जी के निधन के कारण कार्यक्रम की शुरुआत सात सितंबर से होगी।

उन्होंने बताया पोषण माह का मुख्य उद्देश्य अतिकुपोषित (सेम) बच्चों को चिह्नित करना और उनकी सेहत के लिए परामर्श देना है। अभियान के दौरान शिक्षा विभाग के माध्यम से पोषण विषय पर ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।

वर्ष २०२२ तक कुपोषण की दर में छह और एनीमिया में नौ फीसद कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल, भोजन, लड़कियों की शिक्षा सहित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर लोगों में जागरूकता पैदा करनी है।

उन्होंने बताया जनपद में छह माह से छह साल तक के करीब १३८०२१ बच्चे हैं। गर्भवती व धात्री महिलाओं की संख्या करीब ५४४४२ है

जबकि स्कूल न जाने वाली ११ से १४ साल की किशोरियों की संख्या करीब २२१८ है। जिला अस्पताल के एनआरसी वार्ड में वर्तमान में १७ अतिकुपोषित बच्चे भर्ती हैं।

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