मुजफ्फरनगर क्षेत्र के स्कूलों में छात्रों की भरमार, शिक्षकों का टोटा
मुजफ्फरनगर। कान्वेंट की दौड़ में लोग अपने बच्चों को परिषदीय स्कूलों में प्रवेश नहीं दिलाना चाहते, लेकिन यहां हाल जुदा हैं। नगर क्षेत्र के प्राइमरी स्कूलों में प्रवेश को लेकर मारामारी मची है, जबकि शिक्षकों का टोटा है। आलम यह है कि एक शिक्षक पर चार स्कूलों का चार्ज है। कुछ स्कूलों में तो छात्रों की इतनी भरमार है कि बैठने तक के लिए जगह कम पड़ने लगी है। ऐसे में शिक्षक प्रवेश को लेकर आनाकानी करने को मजबूर हो गए हैं। परिषदीय स्कूलों की शिक्षा को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता है। सक्षम परिवार अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिक्षा दिलाना नहीं चाहते, लेकिन नगर क्षेत्र में इसका उल्टा है। खासतौर से मुस्लिम और अनुसूचित जाति की बस्तियों में स्थित परिषदीय स्कूलों में छात्रों की भरमार है, जबकि स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती नहीं है। नगर क्षेत्र में 1982 से शिक्षकों की भर्ती नहीं है। इसलिए शहर के 38 स्कूलों में मात्र 28 शिक्षक रह गए हैं। इनमें पुरुष शिक्षक केवल चार ही हैं। एक शिक्षक के जिम्मे चार से पांच स्कूलों का चार्ज है। शिक्षकों की कमी तथा छात्रों की भरमार होने के चलते शिक्षकों ने नए प्रवेश लेने से हाथ खींचने शुरू कर दिए हैं।
नगर के इन स्कूलों में बदतर हैं हालात-मीनाक्षी चौक के पास स्थित खालापार प्राथमिक विद्यालय प्रथम में 51, द्वितीय में 52, खालापार कन्या पाठशाला में 53 और नुमाइश कैंप यानि रिफ्यूजी कैंप स्कूल में 92 छात्र-छात्राएं हैं। इन पांचों स्कूलों का चार्ज अकेले शिक्षक जावेद पर है। कंपोजिट स्कूल सरवट में दो प्राथमिक और एक जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं। दोनों प्राथमिक विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं, जबकि छात्र-छात्राओं की संख्या 750 से ज्यादा है। जूनियर हाईस्कूल में चार शिक्षक तैनात हैं। प्रधानाध्यापक नकी मोहम्मद भी इसी वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले हैं। वे बताते हैं कि जैसे-तैसे करके शिक्षण कार्य कराया जाता है। मल्हूपुरा में बालक और बालिका प्राथमिक विद्यालय एक ही परिसर में हैं। दोनों में 250 से ज्यादा छात्र-छात्राएं हैं, जबकि एक भी शिक्षक की तैनाती नहीं है। शिक्षामित्रों के सहारे स्कूल चल रहा है। प्राथमिक विद्यालय दक्षिणी खालापार किदवईनगर में 950 के आसपास छात्र-छात्राएं हैं। स्कूल परिसर में छात्र-छात्राओं के बैठने के लिए जगह भी कम पड़ जाती है। इन्हें पढ़ाने के लिए एकमात्र शिक्षिका की तैनाती है। जैसे-तैसे करके शिक्षण होता है।
नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी है। प्रवेश को लेकर कोई समस्या नहीं है। जो भी प्रवेश के लिए आता है उसका नामांकन किया जाता है – डा. सविता डबराल, खंड शिक्षा अधिकारी नगर।
नगर क्षेत्र में लंबे समय से शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई, इसलिए इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। इस संबंध में शासन को पत्र लिखे गए हैं – योगेश कुमार शर्मा, बीएसए।