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Operation Bharat Shakti: पोखरण में तीनों सेनाएं कर रही संयुक्‍त युद्धाभ्‍यास

भारत एक ऐसा देश है जिसके पास विश्व की एकमात्र विशाल सेना है, जो उसकी सुरक्षा और सुरक्षा को लेकर अद्वितीय जवाबदेही और सामर्थ्य रखती है। भारतीय सशस्त्र सेना न केवल देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने में विश्वास दिलाती है, बल्कि अपने प्रशासनिक और आर्थिक क्षेत्रों में भी उच्चतम स्थान रखती है। मोदी सरकार ने इस सेना को और भी मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

भारत शक्ति एक्सरसाइज जैसी मुहीम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें भारतीय सशस्त्र सेना के तीनों अंगों – थलसेना, वायुसेना और नौसेना का संगठित समन्वय और कार्रवाई का दिखावा किया जाएगा। इस एक्सरसाइज के माध्यम से, सेना दिखाएगी कि वह किस तरह से अपनी सामरिक क्षमता को और भी मजबूत बना रही है और किस प्रकार उसकी तकनीकी और तैयारियों में सुधार हो रहा है।

Operation Bharat Shakti भारत को सामरिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने की मोदी सरकार की मुहीम बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है. पोखरण में तीनों सेनाएं ‘भारत शक्ति’ एक्सरसाइज शुरू करने जा रही हैं. सेना में शामिल किए जा रहे हथियार,  स्वदेशी हथियारों की मारक क्षमता और ताकत देखने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार, 12 मार्च को पोखरण फायरिंग रेंज पहुंच रहे हैं. पीएम के आगमन पर सेना के तीनों अंगों के स्वदेशी हथियारों से 50 मिनट तक ताबड़तोड़ गोलीबारी करेंगे.

इसमें लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड, लाइट यूटिलिटी हैलिकॉप्टर (ALH) ध्रुव, नौ-सेना की लाइट वेट टॉरपीडो, पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर, युद्धक टैंक टी (T 90), अर्जुन टैंक, स्व-चालित होवित्जर के-9 (K-9) वज्र, धनुष, सारंग तोपें, लॉयटरिंग म्यूनिशन सहित सर्वत्र और अत्याधुनिक ड्रोन और यूएवी सहित रोबोटिक डॉग ‘म्यूल’ भी युद्ध क्षेत्र में अपनी ताकत का परिचय देंगे.

इस एक्सरसाइज के जरिए दिखाया जाएगा कि कैसे युद्ध की स्थिति में भारतीय सेना के तीनों अंगों थलसेना, वायुसेना और नौसेना मिलकर काम करती है और कितनी तेजी से सेनाओं के बीच कॉर्डिनेशन होता है. डोमो की शुरुआत तीनों सेना के अंगों के स्पेशल फोर्स, गरुढ कमॉडों और मार्कोज हैलिकॉप्टर के जरिए स्लीदर और ऑल टेरेन वेहिकल के ज़रिये युद्ध के मैदान पर पहुंचेंगे और अपनी तैयारियों को धार देंगे तो उसके बाद लॉन्ग रेंज ऑर्टेलरी गन से गोलीबारी कर दुशमन के ठिकानों तो ध्वस्त करने का जौहर दिखाएंगे.

सेना के तीनों अंगो को मिलाकर इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने की तैयारी भी चल रही है, हालांकि इसका फाइनल रूप तय होना बाकी है. ऐसे में तीनों सेनाओं का किस तरह से इंटीग्रेशन होता है और अलग अलग लोकेशन पर होने के बाद भी कैसे तेजी से कम्युनिकेशन होता है, यह सब ‘भारत शक्ति’ एक्सरसाइज में दिखाई देगा.

पिछले कुछ सालों में आत्मनिर्भरता के तहत रक्षा मंत्रालय पॉजिटिव इंडिनाइजेशन की पांच लिस्ट जारी कर चुका है. यानी उन रक्षा उपकरणों की लिस्ट जिनकी खरीद विदेशों से नहीं बल्कि स्वदेशी कंपनियों से की जाएगी. इसके अलावा ये भी तय किया गया कि रक्षा खरीद के लिए सभी कटैगरी में कम से कम 50 पर्सेंट स्वदेशी कंटेंट होना चाहिए, जिसमें मटीरियल, कंपोनेंट, सॉफ्टवेयर शामिल हो सकता है, ये भारत में ही बने होने चाहिए.

इस एक्सरसाइज में उपयोग किए जाने वाले स्वदेशी हथियार और उपकरण भारतीय रक्षा उद्योग के विकास को भी प्रोत्साहित करेंगे। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे भारत अपनी रक्षा तंत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अग्रसर हो रहा है। मोदी सरकार के प्रयासों से, भारत ने अपने रक्षा क्षेत्र में विदेशी आधारित विकल्पों की जगह स्वदेशी विकल्पों को प्राथमिकता दी है, जिससे देश का रक्षा उत्पादन और उन्नयन स्वावलंबी बनाने में मदद मिल रही है।

ऑपरेशन भारत शक्ति के माध्यम से भारतीय सेना ने अपनी तैयारियों और सामरिक क्षमताओं को और भी मजबूत बनाने का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसे एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता है जो भारत को उसकी रक्षा तंत्र को मजबूत और स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मिला है। इसके साथ ही, यह भी दिखाता है कि मोदी सरकार ने भारतीय सेना की सुरक्षा और ताकत में निरंतर सुधार करने के लिए कई कदम उठाए हैं और उसके लिए सभी आवश्यक संसाधनों का प्रयोग कर रही हैं।

News Desk

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