Mahapanchayat में हुई अव्यवस्था तो, राकेश ने किया हस्तक्षेप: किसान महापंचायत से बड़ा ऐलान, 27 सितंबर को भारत बंद
मुजफ्फरनगर। राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा की Mahapanchayat में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड समेत कई राज्यों से किसान महापंचायत में पहुंचे हैं। मंच से संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद की घोषणा की है। इससे पहले 25 सितंबर को भारत बंद की घोषणा की गई थी। लेकिन अब इसे बदल दिया गया है।
राकेश टिकैत ने कहा-सरकार बातचीत को तैयार नहीं-मुजफ्फनगर की जमीन पर पैर नहीं रखेंगे, जब जीत होगी तभी हम यहां आएंगे। राकेश टिकैत ने कहा सरकार बात करने को तैयार नहीं है। उसने बात करनी बंद कर दी है। हम बात करना चाहते हैं पर सरकार लगता है इसका कोई समाधान नहीं चाहती है। उन्होंने कहा कि अब मिशन सिर्फ यूपी नहीं बल्कि देश को बचाना है। पूरे देश के मुद्दे उठाएंगे।
महापंचायत को संबोधित करते बलबीर सिंह राजेवाल ने तमिलनाडु, कर्नाटक व अन्य राज्यों से आए नेताओं की बात नहीं सुनने पर आपत्ति जताई। जिसे लेकर हूटिंग हो गई। राकेश टिकैत हस्तक्षेप के बाद फिर से राजेवाल का संबोधन शुरू हुआ। उन्घ्होंने कहा कि कृषि सेक्टर रह गया था। अब मोदी सरकार ने इसे भी कारपोरेट हाउसों के सामने परोस दिया है। जो मॉडल विश्व में फेल हो चुका वह थोपा जा रहा है। आंदोलन जितना जोर पकड़ रहा है।
सरकार उतनी कमजोर पड़ रही है। हमने वोट पर चोट की तो बंगाल के नतीजे सामने है। आरोप लगाया कि जिसे अन्नदाता कहते थे उन्हें कभी खालिस्तानी तो कभी पाकिस्तानी बताया गया। कहा कि वह बीच का रास्ता चाहते हैं। हम अपना हक लेने आये हैं। समझौता नहीं करेंगे। जब तक कानून वापस नहीं होंगे हम भी वापस नहीं जाएंगे। अमेरिका के गौरे किसानों ने आपका समर्थन किया है। आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाड़ा के पार्लियामेंट में आपका मुद्दा उठ चुका है।
सरकारें बड़ी नहीं होती लोग बड़े होते हैं। यूपी हिल गई। जिस तरह आप यहां आए हैं उससे लगता है कि बंगाल वाला फार्मूला दोहराने जा रहे है। वोट पर चोट का माहौल तैयार हो गया है।अलग-अलग राज्यों से आए किसान नेताओं के निशाने पर भाजपा-कुछ स्थानीय भाकियू नेताओं के संबोधन के बाद कर्नाटक की किसान नेता अनुसुइया माजी ने कन्नड़ में महापंचायत को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। इनके पूरे भाषण का हिंदी अनुवाद कर नजुंडास्वामी ने किसानों को समझाया। इसके बाद तमिलनाडु से आए किसान नेता ने तमिल व अंग्रेजी में संबोधन किया। जिसका हिंदी अनुवाद मंजूनाथ ने किया। केरल से आए किसान नेता केवी बीजू ने भी संबोधन कर कृषि कानून वापसी की मांग की। किसान महासंघ शिव कुमार ने कहा कि हमारी नीति और नियत साफ है लक्ष्य प्राप्ति से कोई नहीं रोक सकता। कहा-भाजपा और आरएसएस छद्म सम्मेलन कर भ्रम पैदा करने की फिराक में है। किसानों को बताने की चाल है कि हमने मांगें मान ली।
सरकार के खिलाफ नारेबाजी मीडिया के साथ बदसलूकी
महापंचायत के दौरान मंच से केंद्र सरकार और राज्घ्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। वहीं एक न्यूज चौनल के महिला रिपोर्टर से भी बदसलूकी की गई। जिसके बाद मंच से संचालकों ने ऐसा न करने की हिदायत दी। साथ ही पुलिसकर्मियों को अंदर बुलाकर व्यवस्था बनाने की मांग की। मंच से श्फसल हमारी दाम तुम्हारा नहीं चलेगा..मंच से लगातार नारेबाजी जारी रहा। तीनों कृषि कानून वापस लेने और सरकार के खिलाफ नारेबाजी जारी है।
महिला किसानों की मांग, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीनों कृषि कानून वापस लें
नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन कृषि कानून के विरोध में रविवार को किसानों के मसीहा माने जाने वाले चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की कर्मभूमि मुजफ्फरनगर में आज होने वाली किसान महापंचायत में महिला किसान भी एकत्र हैं।
महिला किसानों का कहना है कि हम तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर यहां एकत्रित हुए हैं। हम यहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तीन कानूनों को वापस लेने का अनुरोध करते हैं। अगर वह कृषि कानून वापस ले लेते हैं तो हमारा यहां पर एकत्र होना सफल हो जाएगा।