Amroha Murder: बेटे ने नौकर के साथ मिल रेता था पिता योगेश-बहन सृष्टि का गला
Amroha Murder सराफ योगेश चंद अग्रवाल और उनकी बेटी सृष्टि की हत्या का पुलिस ने 24 घंटे के भीतर पर्दाफाश कर दिया है। सराफ के इकलौते बेटे इशांक अग्रवाल ने अपने दिल्ली निवासी नौकर के साथ मिलकर दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था।
इशांक अपना मकान बेचना चाहता था। जिसका योगेश चंद्र अग्रवाल विरोध करते थे, जबकि अपनी सारी प्रॉपर्टी बेटी सृष्टि के नाम करना चाहते थे। बस इसी बात से खफा इशांक ने दोहरे हत्याकांड को अंजाम दे दिया। इशांक केवल अपने पिता योगेश चंद्र अग्रवाल को मारना चाहता था, लेकिन तभी सृष्टि वहां आ गई।
इसलिए उसकी भी हत्या कर दी। इतना ही नहीं हत्यारोपी बेटे इशांक ने अपने मृतक पिता पर कई गंभीर और आरोप लगाए हैं। फिलहाल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। वारदात को अंजाम देने में शामिल रहे उसके दिल्ली निवासी नौकर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है।
नगर के मोहल्ला कटरा गुलाम अली में रहने वाले सराफ योगेश चंद्र अग्रवाल और उनकी बेटी सृष्टि की घर में ही किसी धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई। शनिवार सुबह पिता-पुत्री के शव कमरे में फर्श पर लहूलुहान हालत में पड़े मिले।
दोनों के चेहरे पर कपड़ा पड़ा हुआ था। घर में लगे सीसीटीवी कैमरे पुलिस को बंद मिले। उस वक्त हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस को हत्याकांड को लेकर शव इशांक पर ही था। जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल लिया।
अमरोहा में हुई एक हत्याकांड ने समाज को गहरे सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस घटना में सराफ योगेश चंद अग्रवाल और उनकी बेटी सृष्टि की मौत हुई है। पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए बताया है कि सृष्टि के भाई इशांक अग्रवाल ने अपने दिल्ली निवासी नौकर के साथ मिलकर इनकी हत्या की थी।
घटना के पीछे का कारण प्रॉपर्टी के मामले में हुआ विवाद है। सृष्टि की इच्छाओं के खिलाफ उसके भाई इशांक की हत्या करने का आरोप है। यह विवाद इतना बढ़ गया कि इशांक ने अपने पिता और बहन को दोहरी हत्या का शिकार बना दिया।
इशांक की इस हत्या के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। उसके साथ जुड़े दिल्ली निवासी नौकर को भी हिरासत में लिया गया है। हालांकि, इस घटना के पीछे की अधिकतर जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
यह हत्या एक बड़े संघर्ष का परिणाम है, जो परिवारिक विवादों के बीच उत्पन्न हुआ। इस घटना ने हमें यह याद दिलाया है कि परिवारिक संबंधों को समाधान के लिए वाहकता और सहनशीलता से हल करना चाहिए, न कि हिंसा के माध्यम से।
यह घटना हमें समाज में परिवारिक संबंधों की महत्वपूर्णता को समझाती है। हमें अपने समाज के सभी सदस्यों के साथ निर्मल संबंध बनाए रखने की आवश्यकता है।
अमरोहा की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को देखते हुए हमें अपने समाज में सहयोग और समझदारी के माध्यमों को बढ़ावा देना चाहिए। नहीं तो इससे हमारा समाज ही अपने हाथों मिट्टी में मिल जाएगा।