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6 जनवरी से किसान कल्याण तथा किसान की आमदनी दो गुना करने का अभियान ‘किसान कल्याण मिशन’ के रूप में चलाया जायेगा

मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने बताया कि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के पत्र संख्या कृषि 2046/12-03-2020 दिनॉक 30.12.2020 द्वारा अवगत कराया गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा यह संकल्प किया गया है कि प्रदेश में किसानों की वर्तमान आय को दोगुना करने का प्रयास किया जायेगा।

इस संकल्प को पूरा करने हेतु यह निर्णय लिया गया है कि प्रदेश में कृषि व कृषि आधारित अन्य गतिविधियों जिनमें पशुपालन, बागवानी, गन्ना इत्यादि तथा कृषि आधारित उद्योग सम्मिलित है

को विकसित कर इन गतिविधियों के माध्यम से किसान कल्याण तथा किसान की आमदनी दुगुना करने का एक अभियान किसान कल्याण मिशन के रूप में चलाया जायेगा। यह अभियान 06.01.2021 से आरम्भ होगा जिसके अन्तर्गत जनपद के प्रत्येक विकासखण्ड पर एक निश्चित तिथि पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इस अभियान के तीन मुख्य भाग होंगे

(क) कृषि एवं सहवर्गी सेक्टर की वृहद प्रदर्शनी जिसमें स्थानीय स्तर पर लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमिता इकाइयों तथा ग्राम्य विकास के आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों के द्वारा उत्पादित प्रमुख उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी एवं विभिन्न प्रकार की कृषि तकनीकों के प्रदर्शन (डिमान्सट्रेशन) कराये जायेंगे।

(ख) किसान गोष्ठी जिसमें प्रगतिशील किसान, कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग से जुडे कृषि प्रसार कार्यकर्ता शासन की किसानोन्मुखी योजनाओं के बारे में सम्यक जानकारी उपलब्ध करायेंगे।

(ग) विभिन्न विभागों द्वारा कृषि कल्याण की संचालित योजनाओं के लाभार्थियों को मौके पर ही लाभ प्रदान कराया जायेगा।
विकास खण्ड स्तर पर आयोजित होने वाले कृषि मेला एवं कृषि प्रदर्शनी में कृषि विभाग के साथ-साथ उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, रेशम, सहकारिता, सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई, नेडा, विद्युत, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, वन, बाल विकास एवं पुष्टाहार इत्यादि विभाग अपनी-अपनी योजनाओं से सम्बंधित स्टाल लगायेंगे एवं लाभार्थी परक योजनाओं के स्वीकृतपत्रध्प्रमाण-पत्रध्कृषि यंत्र वितरणध्पुरूस्कार आदि का वितरण भी सुनिश्चित करायेंगे।

आयोजित कृषि मेले एवं कृषि प्रदर्शनी में कृषि कल्याण से सम्बंधित विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूकता गोष्ठी क साथ-साथ उक्त क्षेत्र के किसानों के कल्याण से जुडे सभी कार्यक्रमों के बारे में न केवल जानकारी दी जायेगी, बल्कि योजनाओं के अन्तर्गत लाभार्थियों का चयन करते हुए, लाभार्थियों को विभिन्न सुविधाए उपलब्ध करायी जायेंगी तथा उपलब्ध सुविधाओं का वितरण कराया जाये। किसान कल्याण मिशन अभियान में प्रतिभाग करने वाले विभागों के कार्य एवं दायित्व निम्नानुसार होंगे-

4- कृषि विभाग- कृषि विभाग इस योजना के नोडल विभाग के रूप में कार्य करेंगा एवं विकासखण्ड स्तर पर प्रदर्शनी एवं मेला लगाने की पूरी व्यवस्था करने के उत्तरदायित्व का निर्वहन करेगा। उक्त के अतिरिक्त उनके द्वारा निम्नलिखित कार्यवाही भी सम्पन्न करायी जायेगी।
(1) किसान क्रेडिट कार्ड (के0सी0सी0) की स्वीकृति पत्र का वितरण सम्बंधित विकासखण्ड की बैंक शाखाओं के साथ समन्वय कर सुनिश्चित कराया जायेगा।

उक्त कार्य हेतु निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार प्रार्थनापत्र बैंकों को पूर्व से ही प्रेषित करा दिया जाय, जिससे बैंक शाखाए निर्धारित तिथि पर स्वीकृति पत्र वितरित कर सके। कृषि के साथ मत्स्य पालन व प्शुपालन से जुडे कृषकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड निर्गत किया जायेगा।

(2) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत आधार इन्वैलिड, नाम मिस्मैच तथा ओपेन सोर्स से प्राप्त प्रार्थनापत्र के सत्यापन हेतु एक शिविर पृथक से लगाया जायेगा। यह व्यवस्था भी की जायेगी कि मेले में आये किसान अगर त्रुटि सुधार हेतु अभिलेख लेकर आते है तो उनका मौके पर ही निस्तारण करके पोर्टल में सुधार सुनिश्चित किया जायेगा जिससे उन्हे योजना का लाभ मिलना आरम्भ हो जाये।

(3) प्रधानमंत्री फसलबीमा योजना एवं संशोधन मौसम आधारित फसल बीमा योजना के सम्बंध में कृषकों को जागरूक किया जायेगा। साथ ही किसानों द्वारा दावें सम्बंधी शिकायतों का भी मौके पर निसरण सुनिश्चित किया जायेगा। उक्त हेतु बीमा कम्पनी के अधिकारी भी कार्यक्रम में उपलब्ध रहेंगे।

(4) रबी की फसल के दृष्टिगत विभिन्न प्रकार के फसल सुरक्षा के कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार किया जायेगा एवं फसल सुरक्षा के उपायों के बारे में जानकारी दी जायेगी। फसल सुरक्षा के आवश्यक कृषि रक्षा रसायन के वितरण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।

(5) पराली प्रबन्धन के बारे में विस्तृत जानकारी मेले के दौरान दी जाएगी। पराली के जलाने से हो रहे दृष्परिणामों पर जागरूक किया जाएगा तथा पराली प्रबन्धन हेतु विभिन्न प्रकार के विकल्प जैसे फार्म मशीनरी बैंक, डिकम्पोजर इत्यादि क बारे में भी जानकारी दी जायेगी और इन यंत्रों का प्रदर्शन भी किया जायेगा।

(6) जैविक खेती तथा भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्वति के बारे में भी जागरूकता हेतु व्यवस्था की जायेगी जिसमें इस प्रणाली से होने वाले लाभ एवं शासन की नीतियों के बारे में कृषकों को जागरूक किया जायेगा।

(7) विकास खण्ड में जो कृषक जैविक खेती संचालित कर रहे हो, उनके कृषि उत्पाद के विपणन के लिये भी अलग से स्टॉल ध् बिक्री केन्द्र संचालित किया जायेगा, जिससे उनके उत्पाद का प्रचार-प्रसार हो सकेगा।

(8) अगर विकास खण्ड स्तर पर इस अवधि में नये कृषि उत्पादन संगठन (एफ0पी0ओ0) गठित हुए है तो उनके पदाधिकारियों को भी आमंत्रित करते हुए उनको प्रमाण-पत्र वितरण कराया जायेगा। एफ0पी0ओ0 को स्वीकृत फार्म मशीनरी बैंक तथा बीज विधायन संयंत्र की स्वीकृति पत्र ध् चौक वितरण का काम भी सम्बंधित विकास खण्डों में अवश्य कराया जायेगा।

(9) सम्बंधित जनपद व विकास खण्ड के सक्रिय एफ0पी0ओ0 के पदाधिकारी एवं प्रगतिशील किसानों को अवश्य आमिंत्रत किया जाये तथा कृषि गोष्ठी में उनको अपना विचार रखने का अवसर दिया जाये, जिससे अन्य कृषकों को भी जागरूक किया जा सके।

(10) एस0एम0ए0एम0 (सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाईजेशन) योजना के अन्तर्गत पूर्व से स्वीकृत लाभार्थियों को यंत्रों के वितरण का कार्य भी इस मेले के माध्यम से कराया जा सकता है।

(11) प्रधानमंत्री कृषि ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान (पी0एम0-कुसुम) योजना के अन्तर्गत सोलर पम्प का वितरण कराया जा रहा है। यथा आवश्यक आबद्व निजि कम्पनियों से वार्ता करके यथा सम्भव डिमोन्सट्रेशन इकाई भी स्थापित करके इसका प्रचार-प्रसार किया जाये। एक ही इकाई को विभिन्न विकास खण्डों में उपयोग में लाया जा सकता है।

(12) प्रत्येक जनपद के 100 प्रगतिशील किसानों का चयन उनको रोल माडल के रूप में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों में प्रस्तुत किया जायेगा तथा उनके अनुभवों के बारें मेंस्थानीय किसानों को अवगत भी कराया जायेगा। इन प्रगतिशील किसानों को जनपद स्तर पर सम्मानित भी किया जायेगा। इन किसानों का विस्तृत डेटा बेस कृषि विभाग द्वारा तैयार किया जायेगा।

5- कृषि शिक्षा एवं अनुसॅंधानः-

(1) विकास खण्ड स्तरीय कृषि प्रदर्शनी में कृषि विश्व विद्यालय व कृषि विज्ञान केन्द्र के
विशेषज्ञों को अवश्य आमंत्रित किया जाये जिससे इन्टीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम के बारे में जानकारी के साथ – साथ नयी तकनीक व पद्वति के बारें में प्रचार-प्रसार हो सके।
(2) कृषि विज्ञान केन्द्र, किसानों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन
कर सकते है। एक प्रशिक्षण कार्यक्रम, मेला ध् प्रदर्शनी के दिवस पर विकास खण्ड
में अथवा कृषि कल्याण केन्द्र में आयोजित कराया जाये।

6- कृषि विपणनध्मण्डी परिषदः-
(1) मण्डी परिषद द्वारा मुख्यमंत्री कृषक उपहारयोजना के अन्तर्गत ट्रेक्टर सहित अन्य
उपकरण किसानों को पारदर्शी व्यवस्था से वितरित किया जाता है। अगर उस विकास खण्ड में कोई मण्डी स्थापित है तो उनसे समन्वय स्थापित कर उनका वितरण भी इसी कार्यक्रम में सुनिश्चित कराया जाये।
(2) मण्डी परिषद द्वारा संचालित विभिन्न लाभार्थी परक योजनाएं जैसे मुख्यमंत्री कृषक
दुर्घटना बीमा योजना, मुख्यमंत्री खेत खलिहान अग्नि दुर्घटना बीमा योजना एवं मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना के लाभार्थियों का वितरण भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित किया जाए।
(3) भारत सरकार द्वारा पारित कृषि अधिनियमों की जानकारी एवं उसके लाभों के बारे में किसानों को जागरूक किया जायेगा।

7- उद्यान विभागः-
(1) सूक्ष्म सिंचाई योजना के प्रति किसानों को जागरूक बनाने हेतु डिमोन्सट्रेशन मॉडल स्थापित किये जाये। ये डिमोन्सट्रेशन मॉडल स्प्रिंकलर ध् ड्रिप सिचाई प्रणाली से सम्बंधित होंगे।
(2) गोष्ठी में सम्बंधित विकास खण्ड में सर्वाधिक होने वाली औद्यानिक फसलों में उत्पाद बढानें व प्रजाति का विकास करने हेतु प्रचार-प्रसार भी किया जायेगा।
(3) खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न प्रकार की योजनाएं भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा संचालित है। इन योजनाओं के अन्तर्गत स्वीकृत अनुदान ध् ब्याज अनुदान के स्वीकृति पत्र भी इन कार्यक्रमों के माध्यम से लाभार्थियों को वितरित कराये जाये।
(4) विकास खण्ड में स्थापित कृषि, उद्यान आधारित लघु, मध्यम उद्योगों को चिन्हित कर उद्यमियों को कृषक उत्पादन संगठनों से जोडने के लिये प्रेरित किया जायेगा तथा उनके उत्पादों के विपणन ध् प्रचार-प्रसार करने हेतु भी प्रदर्शनी में स्थान उपलब्ध कराया जायेगा।

8- पशुपालन विभागः-
(1) पशुपालन विभाग द्वारा किसानों को खुरपका-मुहपका टीकाकरण अभियान तथा पशुओं की ईयर-टैगिंग की महत्ता के बारें में जानकारी दी जायेगी। दुधारू प्शुओं के नस्ल सुधार हेतु राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम का लाभ उठाने हेतु प्रेरित किया जायेगा।
(2) इसके अतिरिक्त लाभार्थी परक योजनाओं यथा- किसान क्रेडिट कार्ड, बैकयार्ड सुअर पालन, अण्डा उत्पादन, बॉयलर पालन एवं पशुधन बीमा योजना आदि के स्वीकृति पत्र अथवा सहायता का वितरण यथा-सम्भव इन मेलों के समय कराया जाए।
(3) विकास खण्ड पर आयोजित होने वाली कृषक गोष्ठी में निराश्रित गौ-आश्रय स्थलों में पराली को चारे के रूप में प्रेषित करने तथा निराश्रित गौ-आश्रय स्थलों की गॉयों को परिवारों द्वारा अपनी देख-रेख में लाने की योजना के बारे में प्रचार-प्रसार किया जाये।

9- गन्ना विभागः-
(1) गन्ने की फसल से आच्छादित विकास खण्डों में विभागीय अधिकारियों द्वारा गन्ने की खेती के साथ अन्तर फसलीय प्रणाली (इन्टर क्रॉपिंग) तथा ड्रिप इरीगेशन के बारें में अधिक से अधिक प्रचार किया जायेगा जिससे उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके।
(2) गन्ना विभाग द्वारा प्रदर्शनी में स्टॉल लगाकर भी नयी तकनीक, नयी प्रजाति के बारे में प्रचार किया जायेगा एवं गन्ने के कृषि उपज अवशेष जलानें से पडने वाले कुप्रभावों के बारे में भी किसानों को संवेदनशील किया जायेगा।

10- खाद्य एवं रसद विभागः-
खरीफ की फसल की कटाई के पश्चात दलहन, तिलहन व धान की खरीद का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित किया जाएंगा, जिससे किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम0एस0पी0) पर स्थानीय स्तर पर अपनी उपज को बेच सकेंगे। साथ ही साथ अगर कृषकों को क्रय केन्द्रों से सम्बंधित कोई शिकायत हो तो उसका निराकरण भी मौके पर कराते हुए निस्तारण सुनिश्चित कराया जाये।

11- ग्राम्य विकासध्पंचायती राज विभागः-
(1) ग्राम्य विकास विभाग की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जायेगी जिसमें आजीविका मिशन के अन्तर्गत कृषि व्यवसाय आधारित स्वयं सहायता समूह के उत्पादों की प्रदर्शनी लगवायेंगे तथा इन समूहों की सहभागिता भी उक्त कार्यक्रम में सुनिश्चित की जायेगी।
(2) मनरेगा के माध्यम से कृषि से जुडे कौन-कौन से कार्य ग्राम स्तर पर लिये जा सकते है, इसका भी व्यापक प्रचार किया जायेगा, जिससे रोजगार सृजन के साथ-साथ कृषि अवस्थापना का विकास हो सके। उक्त के अतिरिक्त अन्य कार्य यथा भूमि संरक्षण, वर्मी कम्पोस्ट, कैटल शैड, मत्स्य तालाब, औद्यानिकरण इत्यादि कार्यक्रमों के कन्वर्जेंस होते है, इसक बारें में कृषकों को जानकारी दी जाये।

 

12- सिंचाई व्यवस्थाः-
रबी अभियान के अन्तर्गत बुआई का कार्य जोरों पर होगा, अतः इन कार्यक्रमों में सिचांई विभाग, नलकूप विभाग तथा विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे तथा इनका अलग से स्टॉल भी लगाया जायेगा। कोई भी कृषक नलकूप खराब होने, नहर की सिंचाई व्यवस्था खराब होने या ट्रॉंसफार्मर के खराब होने की शिकायत लाते है तो उनका निस्तारण उसी दिन किया जायेगा।

13- अन्य विभागः-
(1) लघु सिंचाई, मत्स्य, रेशम, नेडा, वन विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग भी कृषकों से सम्बंधित विभिन्न कार्यकलापों का डिस्पलें स्टॉल पर प्रदर्शित करेंगे।
(2) उपरोक्त प्रस्तरों मे उल्लिखित विभाग व कार्यकलाप मार्ग-निर्देशक है अतएव यदि प्रतिभाग करने वाले विभागों के अन्तर्गत कोई अन्य महत्वपूर्ण योजना या कार्यक्रम आदि संचालित किया जा रहा है तो उनको भी विकास खण्ड के इन आयोजनों में सम्मिलित करते हुए माइक्रोप्लान का भाग बनाया जा सकता है।

14- जनप्रतिनिधियोंध्प्रशासनिक अधिकारियों की सहभागिता-
इस अभियान में मण्डलायुक्त, अधोहस्ताक्षरी प्रतिभाग करेंगे। इसमें स्थानीय माननीय सॉसद, माननीय विधायक एवं अन्य महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधियों को अवश्य आमिंंत्रत किया जाये और उनके उपस्थित रहने पर, उनके माध्यम से ही विभिन्न योजनाओं के लाभों का वितरण कराया जाये।

15- महिलाओं की सहभागिता-
प्रदेश में महिलाआें को सुरक्षा प्रदान करने तथा उन्हे आत्मनिर्भर बनाने हेतु मिशन शक्ति का संचालन किया जा रहा है। अतः यह आवश्यक है कि इन कार्यक्रमों में महिला किसानों की अधिक से अधिक भूमिका हो। इस उद्देश्य से जागरूक महिला कृषक तथा कृषि उत्पादन पर आधारित स्वयं सहायता समूहों की सहभागिता भी सुनिश्चित करायी जाये।

16- प्रचार-प्रसार-
(1) इन कृषि मेलों/गोष्ठियों/प्रदर्शनियों में अधिक से अधिक सहभागिता हो, इसक लिये जिला प्रशासन व विकास खण्ड स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार विभिन्न माध्यमों से सुनिश्चित किया जायेगा।
(2) विभिन्न विभागों के प्रचार वाहनों को अनिवार्य रूप से आयोजन स्थल पर स्थापित किया जायेगा, जिससे अधिक से अधिक लोगों के मध्य योजनाओं का प्रचार-प्रसार हो सके।
(3) विकास खण्ड के अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थलों पर इन आयोजनों के बारें में बडी होर्डिंग लगायी जायेगी, जिससे अधिक स अधिक कृषक इसमें भागीदारी कर सके।
(4) विभिन्न विभागों द्वारा अपने कृषकों ध् लाभार्थियों के व्हाटसएप्प ग्रुप स्थापित किये गये है उनके माध्यम से भी इन आयोजनों की तिथियों तथा वहॅा उपलब्ध होने वाली सेवाओं के बारें में जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी।
(5) सोशल मीडिया, रेडियों, टी0वी0 के माध्यम से भी इन किसानोन्मुखी कार्यक्रमों के बारें में विभागीय अधिकारी जानकारी देंगे जिससे प्रदेश में अधिक से अधिक कृषकों को इसकी जानकारी उपलब्ध हो सके व वह प्रतिभाग कर सके।

17- कोविड-19 सम्बंधी विभिन्न सुरक्षात्मक उपायो का अनुपालनरू-
इन मेलोंध्प्रदर्शनीध्गोष्ठियों में कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा दिये गये सुरक्षात्मक निर्देशों का कडाई से अनुपालन होगा। विशेष रूप से यह सुनिश्चित किया जायेगा कि –
(1) मेला परिसर में आने वाले सभी व्यक्ति मास्क पहनेंगे और निरन्तर मास्क पहने रहेंगे।
(2) विभिन्न स्थानोंध्प्रदर्शनी के सार्वजनिक स्थलोंध्मेला के स्थलों पर साबुन से हाथ धोनेध्सैनिटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था होगी।
(3) मेलों का ले-आउट बडे से खुले स्थल पर किया जायेगा, जिससे किसी स्थान पर भीड न हो सके। प्रदर्शनी स्थल के स्टॉल को भी दूर-दूर स्थापित किया जायेगा, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन हो सके।
(4) कृषक गोष्ठी के आयोजन में बैठने की व्यवस्था को भी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए की जायेगी तथा कार्यक्रम स्थल पर क्षमता के अनुसार ही प्रतिभागी आमंत्रित किये जायेंगे।
(5) पूरे कार्यक्रम में कोविड-19 से सम्बंधित सुरक्षात्मक व्यवस्था का प्रचार-प्रसार किया जाता रहेगा।
(6) प्रवेश द्वार पर पल्स ऑक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थर्मामीटर उपलब्ध रहेगा जो आने वाले महानुभावों का परीक्षण करेंगे और कोविड के किसी भी लक्षण वाले व्यक्ति को अन्दर नही आने देंगे और उन्हे उपचार हेतु चिकित्सालय भेजेंगे।

18- जनपद स्तरीय कार्ययोजनारू-
(1) किसान कल्याण मिशन के अन्तर्गत होने वाली गोष्ठीध्प्रदर्शनीध्मेला प्रत्येक विकास खण्ड में 06.01.2021 से आरम्भ होकर अगले तीन सप्ताह में सम्पन्न होगी। प्रत्येक सप्ताह के बुद्ववार को जनपद के प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्रों से आच्छादित होने वाली विधान सभा क्षेत्रों में एक विकास खण्ड में इसका आयोजन होगा और यह क्रम तब तक चलता रहेगा जब तक सारे विकास खण्ड आच्छादित नही हो जाते। यह आयोजन तहसील दिवस या किसी राजकीय अवकाश के दिन आयोजित नही होगे।
जनपद के समस्त विकासखण्डों में किसान कल्याण मिशन कार्यक्रम का आयोजन निम्नानुसार किया जायेगार-
क्र0नाम विकास खण्ड दिनॉक नोडल अधिकारी पर्यवेक्षीय अधिकारी
1 सदर 06.01.21 खण्ड विकास अधिकारी जिला विद्यालय निरीक्षक
2 जानसठ 06.01.21 खण्ड विकास अधिकारी जिला उद्यान अधिकारी
3 बुढाना 06.01.21 खण्ड विकास अधिकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी
4 चरथावल 13.01.21 खण्ड विकास अधिकारी जिला पिछडा वर्ग कल्याण अधिकारी
5 खतौली 13.01.21 खण्ड विकास अधिकारी जिला पूर्ति अधिकारी
6 बघरा 13.01.21 खण्ड विकास अधिकारी जिला गन्ना अधिकारी
7 पुरकाजी 20.01.21 खण्ड विकास अधिकारी सहायक निदेशक (मत्स्य)
8 मोरना 20.01.21 खण्ड विकास अधिकारी जिला पंचायत राज अधिकारी
9 शाहपुर 20.01.21 खण्ड विकास अधिकारी अधि0अभि0मु0नगर (खण्ड गंग नहर)
(2) आयोजन कराने का मुख्य उत्तरदायित्व अधोहस्ताक्षरी के नेतृत्व में मुख्य विकास अधिकारी का होगा जो सभी विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करके प्रत्येक विकास खण्ड की माइक्रोप्लानिंग करेंगे, इस आयोजन हेतु जिला कृषि अधिकारी कार्यक्रम के सदस्य सचिव होंगे।
(3) विकास खण्ड स्तर पर इन कार्यक्रमों के आयोजन का मुख्य दायित्व खण्ड विकास अधिकारी का होगा जो सम्बंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करेंगे। उक्त के अतिरिक्त दिनॉक 02.01.2021 तक विकास खण्ड वार समय-सारणी निर्धारित करते हुए कृषि विभाग एवं कृषि निदेशक उत्तर प्रदेश को उपलब्ध करायेंगे तथा इसका स्थानीय स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार भी करेंगे जिससे कि इस कार्यक्रम में किसानों की प्रभावी सहभागिता सुनिश्चित हो सके।
उन्होने बताया कि भारत सरकार के आत्मनिर्भर पैकेज में किसान उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) के संयोजनों तथा एफ0पी0ओ0 के माध्यम से कृषि आधारित सामान्य सुविधा केन्द्रों के विकास एवं कृषि आधारित लघु एवं मध्यम उद्योगों के सम्बंध में कार्ययोजना बनायी जायेगी। इसके अन्तर्गत प्रत्येक विकास खण्ड में एफ0पी0ओ0 का गठन उनक कार्यकलाप, राज्य सरकार की विभिन्न उद्यम, सामान्य सुविधा केन्द्रों की स्थापना से जुडे हुए विभिन्न कार्यक्रमों को बढाने के सम्बंध में विस्तृत कार्ययोजना बनायी जायेगी

ऐसी सभी गतिविधियॉ जो कि एफ0पी0ओ0 के माध्यम से किसानों के कल्याण के लिये प्रारम्भ की जा सकती है, के बारें में जानकारी दी जायेगी।

कृषि विभाग द्वारा किसान कल्याण माइक्रो साइट का निर्माण कराया जायेगा तथा इस सम्बंध में कृषि विभाग द्वारा पोर्टल का निर्माण कराकर उस पर सभी सूचनाएं प्रस्तुत की जायेगी। सूचना विभाग द्वारा रेडियो, टेलीविजन तथा प्रिंट एवं डिजिटल तंत्र के माध्यम से प्रत्येक विकास खण्ड पर होने वाले किसान कल्याण मिशन अभियान का प्रचार-प्रसार कराया जायेगा।

प्रत्येक जनपदवार यह विस्तृत सूचना संकलित की जायेगी कि किसान कल्याण मिशन अभियान के दौरान कितने किसानों से सम्पर्क किया गया, कितने किसानों से वार्ता की गयी, साथ ही साथ किसानों के दूरभाष और व्हाटसएप्प नम्बर की सूचना भी संकलित की जायेगी।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि विकास खण्ड स्तर पर निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार विभागीय अधिकारी व कर्मचारी इस अभियान में सक्रिय प्रतिभाग सुनिश्चित करेगें जिससे इस अभियान के उद्देश्य को पूरा किया जा सके।

 

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