National Water Award 2020: राष्ट्रीय जल पुरस्कार में Muzaffarnagar सर्वश्रेष्ठ जिला
National Water Award 2020 के तहत Uttar Pradesh को ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी’ का पुरस्कार मिला है। Rajasthan और Tamil Nadu को सर्वश्रेष्ठ राज्य (सामान्य) श्रेणी में क्रमशः दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला है। केंद्रीय जल मंत्रालय (Union Ministry of Water) ने 7 जनवरी को यह पुरस्कार घोषित किए।
सर्वश्रेष्ठ जिला Muzaffarnagar
Muzaffarnagar को उत्तर भारत का सर्वश्रेष्ठ जिला चुना गया है। Varanasi के बलुआ को उत्तर भारत में सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायतका पुरस्कार मिला है। National Water Award 2020 के तहत सिंचाई, जल प्रबंधन, भूगर्भ जल, लघु सिंचाई और नदियों के प्रबंधन के क्षेत्र में बेहतर कार्य का आंकलन किया गया है। माइक्रो इरिगेशन, ड्रिप इरिगेशन, बाढ़ प्रबंधन, बांध व नहर निर्माण के क्षेत्र में किये गए काम को भी देखा गया है।
तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2020 की घोषणा केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 7 जनवरी, 2022 को की थी। राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 में, उत्तर प्रदेश ने ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी’ में पहला स्थान हासिल किया है, इसके बाद राजस्थान और तमिलनाडु। ‘सर्वश्रेष्ठ जिला-उत्तर क्षेत्र’ श्रेणी के तहत उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
केंद्र सरकार की टीम ने छह राज्यों का दौरा किया और 11 बिंदुओं का निरीक्षण किया। इसके बाद केंद्र सरकार की एक कमेटी ने रैंकिंग की। नेशनल वाटर अवार्ड की शुरुआत जल शक्ति मंत्रालय ने 2018 में की थी।
National Water Award 2020: महत्व
राष्ट्रीय जल पुरस्कार सरकार के ‘जल समृद्ध भारत’ के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए देश भर में राज्यों, व्यक्तियों, जिलों आदि द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों और प्रयासों को मान्यता देते हैं और प्रोत्साहित करते हैं
Muzaffarnagar में कार्य
इन पुरस्कारों का उद्देश्य सर्वोत्तम जल संसाधन प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ाना है। 57 पुरस्कारों को 11 अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है। जिसमें बेस्ट स्टेट, बेस्ट डिस्ट्रिक्ट, बेस्ट विलेज पंचायत, बेस्ट अर्बन लोकल बॉडी शामिल हैं।मुजफ्फरनगर जिले में काली, हिंडन, नागिन नदियों का पुर्नोद्धार, सोकपिट, नेडफ, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, तालाबों का जीर्णोंद्वार, वृक्षारोपण आदि कार्य वृहद स्तर पर किये गए।
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की मुहिम से प्रमुख नदियों के जल की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। सरकार की ओर से नदियों में प्रदूषण को रोकने और जल संरक्षण की दिशा में कड़े कदम उठाए गए।
राज्य में 3298.84 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) के 104 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए गए हैं। इस पहल से नदियों में गिरने वाले नालों को बंद कर दिया गया है।