वैश्विक

पाकिस्तान: डॉक्टरों के साथ हुई पुलिस बर्बरता, तमाम अस्पतालों में काम पूरी तरह बंद

पाकिस्तान की हर मामले में नाकामी और बौखलाहट का आलम ये है कि अब प्रधानमंत्री और हुकूमत की नाकामी के खिलाफ यहां के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं।अपनी जिंदगी की हिफाजत के लिए जरूरी मेडिकल किट की मांग कर रहे डॉक्टरों को सड़कों पर उतरना पड़ा और पुलिस ने इस दौरान उन्हें बुरी तरह दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। डेढ़ सौ से ज्यादा डॉक्टर गिरफ्तार किए गए। हालत ये हो गई कि डॉक्टरों ने इस गंभीर हालत में भी अब काम करने से इंकार कर दिया है।तमाम अस्पतालों में काम पूरी तरह बंद हैं और अपने खिलाफ हुए जुल्म को लेकर डॉक्टरों में भारी असंतोष और गुस्सा है।

हड़ताली डॉक्टर कह रहे हैं कि एक तरफ कोरोना का डर है, तो दूसरी तरफ पुलिस की बर्बरता। ऐसे में कम से कम हम घर में रहकर खुद को ही बचा लें।जो सरकार हमारी हिफाजत नहीं कर सकती, लेकिन भारत की नकल करके डॉक्टरों और तमाम इमरजेंसी सेवाओं में लगे लोगों की हौजलाअफजाई का नाटक करती है, ऐसे में हम अपनी जान जोखिम में क्यों डालें।


उधर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो ने डॉक्टरों के साथ हुई पुलिस बर्बरता और सरकार के रवैये पर नाराज़गी जताते हुए कहा है कि उनकी पार्टी पूरी तरह डॉक्टर्स के साथ है। बिलावल ने कहा कि ऐसे गंभीर वक्त में जब डॉक्टर्स को पूरी सुरक्षा और सहयोग देने की ज़रूरत है, सरकार उन्हें जेलों में ठूंस रही है।


दूसरी तरफ अनाज और चीनी घोटाले में फंसी इमरान सरकार कोरोना को लेकर कम और अपनी सत्ता को लेकर ज्यादा चिंतित नजर आ रही है। प्रधानमंत्री इमरान खान शुरू से ही कोरोना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और चीन के साथ हाथ मिलाने, अमेरिका, एडीबी, विश्व बैंक और तमाम मुल्कों से मदद मांगने में लगे हैं।

 

उनकी चिंता है कैसे ज्याद से ज्यादा फंड पाकिस्तान के पास आए और कोरोना के नाम पर उन्हें दुनिया की सहानुभूति हासिल हो सके। लेकिन जब लगभग पूरी दुनिया इस संकट से तबाह है, ऐसे में पाकिस्तान के लिए अपना घर बचाना बेहद मुश्किल हो रहा है।

दूसरी तरफ पाकिस्तान में कोरोना के मामले 3600 के पार जा चुके हैं। पंजाब और सिंध सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके हैं जहां एक ही दिन में करीब 500 मामले सामने आए हैं। आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं और पाकिस्तान सरकार पिछले कई हफ्तों से तमाम देशों से मदद मांगने और फंड जमा करने में लगी है।

इतना फंड और चीन समेत तमाम देशों से मदद मिलने के बावजूद पाकिस्तान के डॉक्टरों के लिए ज़रूरी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) नहीं हैं। ऐसे में क्वेटा में यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इन जरूरी सुविधाओं की मांग को लेकर जब प्रदर्शन किया तो उनपर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की, लाठियां बरसाईं, बुरी तरह पीटा और गिरफ्तार कर लिया। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ यासिर खान के मुताबिक पुलिस की बर्बरता के खिलाफ डॉक्टर्स ने तय किया है कि वो अब ऐसे हालात में काम नहीं करेंगे। क्वेटा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रज्जाक चीमा ने भी पुलिस कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि ऐसे वक्त में हम प्रदर्शन की इजाजत नहीं दे सकते और डॉक्टरों की गिरफ्तारी हुई है। (from AU website)

News Desk

निष्पक्ष NEWS.जो मुख्यतः मेन स्ट्रीम MEDIA का हिस्सा नहीं बन पाती हैं।

News Desk has 15097 posts and counting. See all posts by News Desk

Avatar Of News Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sixteen − 8 =