आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने किए एलान :रिवर्स रेपो दर 3.75 फीसदी
अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए आज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बड़े एलान किए। कोरोना वायरस के चलते देश में तीन मई 2020 तक लॉकडाउन है।
ऐसे में आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है। दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते रिजर्व बैंक आर्थिक हालात पर लगातार नजर रखे हुए है और वह उससे निपटने के लिए सभी उपायों का इस्तेमाल करेगा।
— ReserveBankOfIndia (@RBI) April 17, 2020
Address by RBI Governor @DasShaktikanta announcing further measures to deal with the pandemic fallout @RBIsays #rbitoday #rbigovernor #rbikehtahai #IndiaFightsCorona
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1. रिवर्स रेपो दर में कटौती
केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो दर में 0.25 फीसदी कटौती कर उसे 3.75 फीसदी कर दिया है। हालांकि, रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह 4.4 फीसदी पर स्थिर है। रिवर्स रेपो दर घटने से बैंक अपनी नकदी को फौरी तौर पर रिजर्व बैंक के पास रखने को कम इच्छुक होंगे। इससे उनके पास नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे बैंक अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को अधिक कर्ज देने को प्रोत्साहित होंगे।
2. राज्यों को राहत
इसके साथ ही दास ने राज्यों पर खर्च के बढ़े दबाव को देखते हुए उनके लिए अग्रिम की सुविधा को 60 फीसदी तक बढ़ा दिया है। इससे राज्यों को इस कठिन समय में संसाधन उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
3. TLTRO के जरिए 50,000 करोड़ रुपये
दास ने अन्य उपायों के संबंध में कहा कि केंद्रीय बैंक TLTRO के जरिए अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराएगा। यह काम किस्तों में किया जाएगा।
4. नाबार्ड, SIDBI और एनएचबी को सहायता
इसके अतिरिक्त उन्होंने नाबार्ड को 25 हजार करोड़ रुपये, SIDBI को 15 हजार करोड़ रुपये और नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) को 10 हजार करोड़ रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की।
5. मार्च में 34.6 फीसदी घटा निर्यात
गवर्नर ने कहा कि आरबीआई कोरोना वायरस के प्रकोप से पैदा होने वाले हालात पर नजर बनाए रखे हुए है। उन्होंने बताया कि मार्च में निर्यात 34.6 फीसदी घट गया, जो 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट की तुलना में कहीं बड़ी गिरावट को दर्शाता है।
6. G-20 देशों में भारत की स्थिति बेहतर
दास ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर 1.9 फीसदी रहने का अनुमान है। G-20 देशों में भारत की स्थिति बेहतर रहेगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में नौ खरब डॉलर का नुकसान हो सकता है, जो जापान और जर्मनी की जीडीपी के बराबर हो सकता है।
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7. एनपीए नियमों में बैंकों को 90 दिन की राहत
आरबीआई ने एनपीए नियमों में बैंकों को 90 दिन की राहत दी। केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि मोरेटोरिमय की अवधि को एनपीए में नहीं गिना जाएगा। साथ ही, आरबीआई ने यह भी कहा है कि बैंक मुनाफे से अगले निर्देश तक लाभांश नहीं देंगे।
8. कारोबार सामान्य बनाए रखने की कोशिश जारी
देश में बैंकिंग कारोबार सामान्य बनाए रखने की कोशिश जारी है। वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की है। देश में 91 फीसदी एटीएम काम कर रहे हैं।
इसके अलावा लॉकडाउन में मोबाइल और नेट बैंकिंग में कोई परेशानी नहीं है।
9. लगातार गिर रही है महंगाई दर
आगे उन्होंने कहा कि महंगाई दर लगातार गिर रही है। कोराना वायरस महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के बीच महंगाई दर मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में केंद्रीय बैंक के चार फीसदी के लक्ष्य से भी नीचे आ सकती है।
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10. देश में विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार
भारत में कोरोना की वजह से निर्यात की हालत मार्च में काफी खराब रही है। वहीं मार्च में ऑटोमोबाइल प्रोडक्शन और सेल भी गिरी है। इसके बावजूद भी देश में विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है। फॉरेक्स रिजर्व अभी 476.5 अरब है। ( from AU website)