Muzaffarnagar और आसपास से प्रमुख खबरें

बहुत ही कम लोग ऐसे होते है जो मरने की कला सीख पाते हैः प्रणम्य सागर

मुजफ्फरनगर। संत शिरोमणि आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य मुनि श्री १०८ प्रणम्य सागर जी महाराज एवं चंद्र सागर जी महाराज का शीतकालीन प्रवास प्रेमपुरी मुजफ्फरनगर में चल रहा है।

मुनि श्री द्वारा प्रातः कालीन बेला में अपने प्रवचन में बताया है, कि व्यक्ति अपनी जीवन भर की थकान को मिटाने के लिए सल्लेखना को धारण करता है।

पूज्य महाराज जी ने बताया यदि किसी व्यक्ति ने जीवन भर कुछ नहीं किया, किंतु अंत समय में यदि वह समाधि धारण करता है। तो वह पूरा जीवन सार्थक कर लेता है।

जीवन भर जो आपने तप किया, उसका फल ही समधिमारण के रूप में व्यक्ति को मिलता है। मुनि श्री ने बताया हमे हम ऐसे कृत्य करे कि पुज्यो द्वारा भी हमारी प्रशंसा हो। ऐसा जीवन बहुत पुण्यात्मा होता है, जिसकी अन्य जो हमसे बड़े होते हो, उनसे हमारी प्रशंसा हो। जीवन जीने की कला तो सभी सीख लेते है

पर बहुत ही कम लोग ऐसे होते है जो मरने की कला सीख पाते है। क्योंकि हर व्यक्ति मरने से डरता है यह जीवन का सत्य है, किन्तु फिर भी वह इस सत्य को स्वीकार नहीं करता।

मुनि श्री ने बताया कि वैराग्य आने के लिए किसी समय विशेष का इंतजार नहीं किया जाता है, बल्कि इसके लिए मात्र जीवन की सत्यता जान लेना ही पर्याप्त होता है ।

इन बातो को मात्र जानना ही पर्याप्त नहीं है, अपितु इनको जीवन में ग्रहण करना आवश्य है, जब हमारे सामने विपरीत परिस्थिति आ जाए, इस समय हम इन सब बातो का ध्यान रख सके। इस अवसर पर श्री विनोद जी जैन, विपिन जैन नावले वाले आदि जैन समाज के लोग उपस्थित रहे।

News Desk

निष्पक्ष NEWS,जो मुख्यतः मेन स्ट्रीम MEDIA का हिस्सा नहीं बन पाती हैं।

News Desk has 6029 posts and counting. See all posts by News Desk

Avatar Of News Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seven + seventeen =