सफेद दाग का हटना संभव है , होमियोपैथिक दवा से
सफेद दाग चर्म रोग है । इसे अंग्रेजी में Leucoderma कहते है ।
( A ) समंद दाग की उत्पत्ति मेलिनोसाईटस तथा कांटोसाईटस की अभियारीतता कारण होती है । यह त्वचा की उपरी भाग में स्थित होती है तथा रंजक पदार्थ की उत्पति करती है । ये कोशिकाये काले रंग के लोगों में अधिक होती है । सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में इन कोशिकाओं को क्रियाशीलता बढ़ जाती है और अधिक मेलानिन बनाने की क्षमता में वृद्धि होती है ।
( B ) न्यूरो हार्मोन की कमी से ।
( C) रक्त में पाया गया विषाक्ता तत्त्वों द्वारा मेलिनोसाईटम का नष्ट होना अथवा सक्रिय नहीं होना ।
( D ) वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर रोगियों में रोग से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है तथा इनके शरीर में विषैले पदार्थ की अधिकता होती है ।
उपचार —
1 . Anacardium oc . 10M – एक महीना पर एक बूंदा
2 . HydrocotyleQ – 15 बूंद मुबह शाम जल के साथ ।
3 . Ars . Sul Flav . 3x ( जर्मनी ) – 2 टेबलेट प्रतिदिन , Cina – 200 यदि किड़ा हो ।
4 . Arsenic alb . 200 – 15 दिन पर एक बूंदा दाग का स्थान छोटा हो तो तीन माह में ठीक हो जायेगा ।
बहुत स्थान पर हो तो एक वर्ष से ज्यादा समय लग सकता है । हरी सब्जी का व्यवहार अधिक करें । निषेध : – मांस , मछली , शराब , सरसो , राई । ( 1 . 2 . 3 . 4 दवायें एक साथ )
शरीर में रक्त की कमी को दूर करने में खजूर लाजवाब पार्ट अदा करता है । इसके सेवन से रक्त के निर्माण में सब बढोत्तरी होती है । यह थकावट को दर करता है ।
खजूर की गुठली को निकाल कर उसकी ढाई सौ ग्राम मात्रा को गाय के अस्सी ग्राम घी में भून कर हलवा बना लें । इस हलवे का सेवन करने से शरीर में बल तथा रक्त में पर्याप्त वृद्धि होती है ।
डॉ वेद प्रकाश
नवादा (बिहार)